बुतक़दे में क्यों सजाते हम हैं पत्थर ;
फिर दिलों को क्यों बनाते हम हैं पत्थर !
हादसों ने जब बिगाड़ा जिंदगी को ;
चोट अपने ही लगाते कम हैं पत्थर !
बोलना सच इमान हर इंसान का ;
राह इंसानियत की हर दम हैं पत्थर !
खून कितने ही बहा कर चुप रहेगा ;
जाबजा पत्थर दिल ओ हमदम है पत्थर !
इक अनोखा रंग था इकरार का भी ;
मोम खुद को ही बनाता सनम है पत्थर !
एक रेले संग बह गयी है जिंदगी ;
रोक लेगा राह में ही वहम है पत्थर !
एक गुड़िया चुप रही कुछ बोलती ना ;
सुन फ़साना बहते आँसू नम हैं पत्थर !!... ''तनु''
फिर दिलों को क्यों बनाते हम हैं पत्थर !
हादसों ने जब बिगाड़ा जिंदगी को ;
चोट अपने ही लगाते कम हैं पत्थर !
बोलना सच इमान हर इंसान का ;
राह इंसानियत की हर दम हैं पत्थर !
खून कितने ही बहा कर चुप रहेगा ;
जाबजा पत्थर दिल ओ हमदम है पत्थर !
इक अनोखा रंग था इकरार का भी ;
मोम खुद को ही बनाता सनम है पत्थर !
एक रेले संग बह गयी है जिंदगी ;
रोक लेगा राह में ही वहम है पत्थर !
एक गुड़िया चुप रही कुछ बोलती ना ;
सुन फ़साना बहते आँसू नम हैं पत्थर !!... ''तनु''
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