टेढ़ापन इसका कहूँ, बैठा मुँह को मोड़ !
पर टेढ़े भाते कहाँ, तोड़ सके तो तोड़ !!
गये समय को टेरना, बहुत बुरी है बात !
गया समय आये नहीं, अपने करते घात !!
कपट कटारी साध कर, उड़ने को बेताब !
हम फूल एक डाल के, काहे तोड़े ख़्वाब !!
हृदयहीन बिलकुल नहीं, कहता मन की बात !
हूँ मैं तेरा राजदाँ, इक अपनी है जात !!
पर फैलाये उड़ चलूँ, चल तू मेरे साथ !
जहाँ चोंच दाना मिले, काम हाथ को हाथ!!... ''तनु''
पर टेढ़े भाते कहाँ, तोड़ सके तो तोड़ !!
गये समय को टेरना, बहुत बुरी है बात !
गया समय आये नहीं, अपने करते घात !!
कपट कटारी साध कर, उड़ने को बेताब !
हम फूल एक डाल के, काहे तोड़े ख़्वाब !!
हृदयहीन बिलकुल नहीं, कहता मन की बात !
हूँ मैं तेरा राजदाँ, इक अपनी है जात !!
पर फैलाये उड़ चलूँ, चल तू मेरे साथ !
जहाँ चोंच दाना मिले, काम हाथ को हाथ!!... ''तनु''
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