साँच कहना चाहिए अब !
झूठ डरना चाहिए अब !!
रात काली बीत जाये !
दिन निकलना चाहिए अब !!
आँसुओं से प्यास बढ़ती !
प्रेम घट घट चाहिए अब !!
आग आग से नहीं बुझेगी !
दरिया बहना चाहिए अब !!
हो गयी गहरी दरारें !
घाव भरना चाहिए अब !!
दिल में अपने प्यार का इक !
दीप जलना चाहिए अब !!
नींद तजकर जागिये भी !
खुद संभलना चाहिए अब !!
एक ठहरा ताल बन कर !
नहीं ठिठकना चाहिए अब !!
ये ज़माना नया ज़माना !
साथ चलना चाहिए अब !!
साजिशों के जाल बुन मत !
तुझे रुकना चाहिए अब !! .... "तनु"
झूठ डरना चाहिए अब !!
रात काली बीत जाये !
दिन निकलना चाहिए अब !!
आँसुओं से प्यास बढ़ती !
प्रेम घट घट चाहिए अब !!
आग आग से नहीं बुझेगी !
दरिया बहना चाहिए अब !!
हो गयी गहरी दरारें !
घाव भरना चाहिए अब !!
दिल में अपने प्यार का इक !
दीप जलना चाहिए अब !!
नींद तजकर जागिये भी !
खुद संभलना चाहिए अब !!
एक ठहरा ताल बन कर !
नहीं ठिठकना चाहिए अब !!
ये ज़माना नया ज़माना !
साथ चलना चाहिए अब !!
साजिशों के जाल बुन मत !
तुझे रुकना चाहिए अब !! .... "तनु"
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