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Sunday, November 3, 2019

साँच कहना चाहिए अब !

साँच कहना चाहिए अब !
झूठ  डरना  चाहिए अब !!

रात काली बीत जाये !

दिन निकलना चाहिए अब !!

आँसुओं से प्यास बढ़ती !
प्रेम घट घट चाहिए अब !!

आग आग से नहीं बुझेगी !

दरिया बहना चाहिए अब !!

हो गयी गहरी दरारें !
घाव भरना चाहिए अब !!

दिल में अपने प्यार का इक !

दीप जलना चाहिए अब !!

नींद तजकर जागिये भी !

खुद संभलना चाहिए अब !!

एक ठहरा ताल बन कर !

नहीं ठिठकना चाहिए अब !!

ये ज़माना नया ज़माना !
साथ चलना चाहिए अब !!

साजिशों के जाल बुन मत !

तुझे रुकना चाहिए अब !! .... "तनु"

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