फजीयत
रात भर की है नसीहत दोस्तों ;
हो गई है फिर फजीयत दोस्तों !
कब तलक दिल की मनायें खैर हम ;
ठीक उसकी नही' नीयत दोस्तों !
कब तलक दिल की मनायें खैर हम ;
ठीक उसकी नही' नीयत दोस्तों !
ठहर जा ए दर्द होगी कब सहर ?
जिंदगी ही है अजीयत दोस्तों ??
दीद की उम्मीद अब कम ही रही ;
क्या कर्ज़ में है वसीयत दोस्तों ?
कौन रस्म निबाह दरम्यां अपने !
हर असूल पर' है शरीयत दोस्तों !!
दो हर्फ़ से ज्यादा न कह पाऊँगी !
छुपकर कुशादा हैं हकीकत दोस्तों !!.... तनुजा ''तनु ''
क्या कर्ज़ में है वसीयत दोस्तों ?
कौन रस्म निबाह दरम्यां अपने !
हर असूल पर' है शरीयत दोस्तों !!
दो हर्फ़ से ज्यादा न कह पाऊँगी !
छुपकर कुशादा हैं हकीकत दोस्तों !!.... तनुजा ''तनु ''
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