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Wednesday, September 2, 2015


केशव कठे नी बिस्बास करी ने देख ;
माधव जठे नी निस्कास करी ने देख !
रास !!!रास आवै इसी रसमय रात दे , ,,,,
सगळा रा साथै उ आभास करी ने देख !! 


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