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Tuesday, September 1, 2015

मेरी तुमरी प्रीति कैसी , ,, क्या जाने हो श्याम ??
नहीं पतंगा, नहीं मीन हूँ , ,, बूझो नहीं लगेगो दाम 
प्रेम की राह बड़ी कठिन है, ,, नहीं उधार को काम 
तुम बन जाओ श्याम घन!!! लूँ मैं कृष्ण कृष्ण को नाम , ,,,,

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