कहाँ नहीं तू
केशव कहाँ नहीं है विश्वास देखिये !
माधव जहाँ नहीं है निष्कास देखिये !!
टूटे हुए पतवार हैं माझी भी नहीं ;
कैसे ही होगी पूरी ये आस देखिये !
ढूँढा कहाँ कहाँ न नज़र तू आ रहा ;
कण कण रचा बसा तेरा वास देखिये !
माया रची सजा जहां तेरा उजास ले ;
इक पल उदास इक पल उल्लास देखिये !
रास !!! रास आये ऐसी रसमय रात दे ;
माया रची सजा जहां तेरा उजास ले ;
इक पल उदास इक पल उल्लास देखिये !
रास !!! रास आये ऐसी रसमय रात दे ;
सबके साथ ही है वो आभास देखिये !
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