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Tuesday, September 15, 2015

चलते चलते 

हिंदी बहुत पुरानी भाषा है इसके अंदाज़ तो देख ; 
साथ रची बसी आशा है इसके एजाज़ तो देख !

जब बात करो इसकी तो दीपक से जले है ;
तानसेन के ज्वलंत राग की आवाज़ तो देख !

नहीं कहती हिन्दी दूसरी भाषा मत सीख ;
उड़ तू सबको ले फिर पंख ओ परवाज़ तो देख !

दरिया है ऐसा एक समा जाये है सब इसमें; 
भोली बहुत है इसके इश्क का आगाज तो देख !

बड़ी अदा से सजाती है गद्य - पद्य को ;
तू तो  शान से उठाये जा इसके नाज़ तो देख !

चाँद पर लिख या कह सितारों की कहानी ;
दुल्हन की चूड़ियों का खनकता साज तो देख !

इक बार सीखोगे तो फिर छोड़ न पाओगे ;
इक ''तनु '' है इक तू है ले के और जाँ बाज़ तो देख !!!,,,,.तनुजा ''तनु ''










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