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Friday, May 13, 2016


निंदक 

करें यारी निंदक से, निंदक ही से मोह !
चलो बिगड़ी सुधार लें , धन्य संत जग सोह !!

निंदक कड़वे वचन से ,मन पर करते घाव !
धीरे - धीरे सूखते , मन के गहरे घाव !!

निंदक राजा सत्य का ,  सीधे करता चोट !
चुपड़ी बातें झूठ की , असमंजस की ओट !!

निंदक से मिष्टी झरे , निंदक ही में राम !
निंदक खोट दूर करे , निंदक रखिये गाम !!

निंदक जैसा धन नहीं , जो कोई जाने मोल !
हीरा मिलता मोल दे , निंदक मोल न तोल !!

निंदक के तरकश धरे , विष बुझते से तीर !
कान के परदे  खोलते, चुभते सकल शरीर !!

चुपड़ी बात मक्खन सी, करे हमें बीमार !
निंदक कड़वा घोल है , मीठा है वो यार !!

निंदक प्रीत लगाय के , करना मत तू मोल !
करनी आप सुधार ले,  मीठा मीठा बोल !!

निंदक चिमटा कर्म का , अब लो खूब बजाय !
धोया निखरा धर्म का , रूप सँवारा जाय !!....तनुजा ''तनु ''















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