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Thursday, May 12, 2016




अंदाज़


कौन है जो इस ग़ुरबत में सहारा दे दे ;
बीत गई उन यादों को उजाला दे दे !

देश की खातिर जो रक्त बहाया हमने ; 

कोई आ के उस रक्त का सम्भाला दे दे !

हाँ सच कड़वा जहर ही है दुनिया वालों ;
सच समा जाए तू एक ऐसा पियाला दे दे !

आब भी और कण इक अनाज खुदा का है ; 
तू बन जा काबिल किसी को निवाला दे दे !

हैं बहुत से अपने इस जहां में खुदा से प्यारे 
जो खुदा सा अपना अंदाज़ निराला दे दे ! 

जो यकीं मुहब्बत पे ना करते हों उन्हें 
तो चलो उनको चल के देश निकाला दे दे ..... तनुजा ''तनु''

              

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