अंदाज़
कौन है जो इस ग़ुरबत में सहारा दे दे ;
बीत गई उन यादों को उजाला दे दे !
देश की खातिर जो रक्त बहाया हमने ;
कोई आ के उस रक्त का सम्भाला दे दे !
हाँ सच कड़वा जहर ही है दुनिया वालों ;
सच समा जाए तू एक ऐसा पियाला दे दे !
आब भी और कण इक अनाज खुदा का है ;
तू बन जा काबिल किसी को निवाला दे दे !
हैं बहुत से अपने इस जहां में खुदा से प्यारे
जो खुदा सा अपना अंदाज़ निराला दे दे !
जो यकीं मुहब्बत पे ना करते हों उन्हें
तो चलो उनको चल के देश निकाला दे दे ..... तनुजा ''तनु''
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