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Tuesday, May 3, 2016




वो क्या जाने क्या गरीबी,  जिनके कोषागार भरे ;
नंगों की वो फ़िक्र करे क्यों जिनके वस्त्रागार भरे! 
माया के वशीभूत हैं ,  ये मदमस्त लोभी भँवरे , ,,,
भूखे की भूख क्या जाने, जिनके अन्नागार भरे !!...तनुजा.. ''तनु'' 

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