शक्ल-ओ-सूरत वही दामन पर दाग़ हैं बने हुए ;
आरज़ू पत्थर, पत्थर के दिल, पत्थर हैं बने हुए !
आरज़ू पत्थर, पत्थर के दिल, पत्थर हैं बने हुए !
प्यास शदीद, भूख अजीब, आँखों में इन्तेजार ;
अजब अज़ीम से हैं अत्फ के समंदर हैं बने हुए !
खोकर ग़ैरत जी रहे जिंदगी गारत की भरी ;
ओंधे मुँह पड़े लाचार, ठोकर हैं बने हुए !
गिरफ्त छूटी रूठा जज़बा और जज़्बात भी ;
परवाज होगी कैसी पंछी, घायल पर हैं बने हुए !
दीवारें हो गईं ऊँची , छत आसमान नाम की ;
मकान मुक़ाम खो गया दर - बदर है बने हुए !!.... तनुजा ''तनु ''
खोकर ग़ैरत जी रहे जिंदगी गारत की भरी ;
ओंधे मुँह पड़े लाचार, ठोकर हैं बने हुए !
गिरफ्त छूटी रूठा जज़बा और जज़्बात भी ;
परवाज होगी कैसी पंछी, घायल पर हैं बने हुए !
दीवारें हो गईं ऊँची , छत आसमान नाम की ;
मकान मुक़ाम खो गया दर - बदर है बने हुए !!.... तनुजा ''तनु ''
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