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Tuesday, May 31, 2016


दिल , ,,,



दिल मेरा धरती  दिल ही आसमान  ;

दिल ही सहरा में दिल ही बियाबान, ,,  

भौंरे सा उड़ा है, गुनगुन गुनगुनाता है

रिमझिम बूंदों में पत्तों सा हरियाता है

उत्सव में झूमा है

ख़ुशी संग घूमा है

ले बांसुरी साज में

सुवासित अरोमा है 

उछलेगा कूदेगा नदी की  कछारों में 

जाकर फिर आयेगा मदमस्त बहारों में 

छोटी सी बस्ती हो या के जहान ;

दिल मेरा धरती  दिल ही आसमाँ , ,,




मद में ये बहका है दुख में मुरझाया है 

सूखा विटप है  ये प्यार ने सरसाया है 

बल्लियों उछलता है 

मौज में मचलता है 

चाँदनी के संग में 

धीमें से जलता है 

सिसकियाँ लेता है  खो गया है यादों में 

मिलन की चाह लिए  ग़ुम हुआ है वादों में 

छोटा  सा आँगन हो या के मचान  ;

दिल मेरा धरती  दिल ही आसमाँ , ,, 




दूधमुहा नन्हा है, किलका मुसकाया है

उम्र की सलवटों बीच फूल मुरझाया है  

नानी कहे कथा में 

चन्दा  की गाथा में 

उखडी ये साँस कहे 

जिंदगी की व्यथा में 

अंधेरी नगरी का चौपट सा राजा है 

चूं चूं का मुरब्बा है सुहाना  बाजा है 

उसके दिल का क्यों बनता मेहमान 

दिल मेरा धरती  दिल ही आसमाँ , ,,




छोटी सी कश्ती में  उमंगे  हज़ार चले 

कौड़ी नहीं पास लाखों का व्यापार चले 

किस संग लगाया है 

कौ दिल को भाया है 

बालू के घर को क्यों 

पवन  ने ढहाया है 

तितलियाँ उड़ती है चाहतों की आँखों में 

मटमैले चीथड़ों , ...  भूख में संतापों में 

टूट गया  वहम या के झूठा गुमाँ ;

दिल मेरा धरती  दिल ही आसमाँ !!.... तनुजा ''तनु ''






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