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Saturday, September 24, 2016


तू ही बता 

तू कहाँ है ?  ढूँढता हूँ ताब तेरा ;
आसमा में अब नहीं मिलता आब तेरा !

झुक गया मैं सजदे में खो देर-ओ-हरम ;
देखता हर सूं रहा,  कहाँ बाब तेरा !

छूट ना जाए कहीं ये सिलसिला भी ; 
खाब ही था, खाब है तू, ये खाब तेरा !!... 

कौन सम्हाले कौन रखवाली करेगा ;
तू नहीं तो कौन देखे असबाब तेरा !


आ यहाँ की रौनकें आँसू बहाती ;
काश आये याद तुझे अहबाब तेरा !... ''तनु ''

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