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Monday, September 26, 2016




कैसे कह दूँ बात मैं  ,  छुपे नहीं जज्बात  !
नैनों को मैं मीच लूँ ,  कहीं करदे न घात  !!
छुपती है हर बात ना खुली ढोल की पोल , ... .
कान कहाँ दीवार के ,  कैसे खुलती बात ??....  तनुजा ''तनु ''

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