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Wednesday, September 7, 2016




दिल आसमां का लिए चाँद  निहारता है जमीं को ;
आसमां भी उफ़क चूम कर निखारता है जबीं को! 
कितनी रंगीनियाँ  हैं कायनात में आओ कि देखो , ,,
 कौन है!! खुद को सँवार कर सँवारता है सभी को !!..''तनु ''

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