Labels

Friday, September 2, 2016




प्रथम मनाऊँ मैं गणपति को वो हैं सकल विघ्न के हारे ;     
मोदक भोग उमासुत को महा दुख कलेश विनाशनवारे !   
बुद्धि के दाता सिंधुरवदन को वासरमणि जो तम टारे , ,,,
मोक्ष की चाह पाय लगूँ मत देर करो वर देवनवारे !!...तनुजा ''तनु ''   

No comments:

Post a Comment