Labels

Thursday, September 1, 2016



नन्हे बटुक बताओ तुम अवधूत कब बने ? 
दाँत तले जिव्हा दबी बंदआँख कब खुले ?
कुछ कर बैठे हो अब बता भी तो दो जरा ?
धूल धूसरित हो बैठे क्यों शैतानियों तले , ..''तनु ''

No comments:

Post a Comment