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Sunday, December 20, 2015


 चाँद और झील 

चाँद को मेरे इरादों की ------ खबर नही  ;
जबीं छू के उसको,   दिल की बता रही हूँ !!! ...

वो अर्जमन्द है,  अज़ल भी वही है .......
ख़ुशी ख़ुशी उसको,  दिल की बता रही हूँ !!!

वजूद से अपने गुज़र  यहां है आया हुआ ,.... 
गहराइयों में छुप जा,  दिल की बता रही हूँ !!!

मैं चाँदनी हूँ, ,, तवज्जोह चाँद है ;
ये मेरी कुव्वत है,  दिल की बता रही हूँ !!!

कायनात के कहकहों को सुन कर  ;
ये चश्में पुरआब नहीं,  दिल की बता रही हूँ !!!....

भली बहुत लगती है ''तनु ''की  ख़ुशी उसे ;
खुद ही  दिल - गिरफ्ता,  दिल की बता रही हूँ !!!... तनुजा ''तनु ''

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