चाहत का सितारा है ''बद्र''
ये मेरी चाहत नहीं सितारा है ''बद्र'' को , ,,
अब तो इश्क ज़ाहिर सबां, गुमाँ है ''अत्र'' को !!......
अब तो इश्क ज़ाहिर सबां, गुमाँ है ''अत्र'' को !!......
सीने में वो दर्द का कोहराम मचाकर, ,,
प्यार खो ईमान लुटाकर ढूँढे है कद्र को !!....
प्यार खो ईमान लुटाकर ढूँढे है कद्र को !!....
दर्द -विरासत पाकर मैं काम चला लूँगा , ,,
लग गया जो रोग बड़ा जिद्दी है उम्र को !! ..
लग गया जो रोग बड़ा जिद्दी है उम्र को !! ..
मानिए मैं अपने शोर-ओ-शर से भागता नहीं,,,
ग़म के कुछ कशीदे पढ़ूँ साथ लिए फ़ख़्र को !!
ग़म के कुछ कशीदे पढ़ूँ साथ लिए फ़ख़्र को !!
क्यों लौट लौट आते हैं लोग ''और'' जिस्म में , ,,
''तनु ''ख्वाहिशें कई बाकी मेरे जी बेसब्र को !!.... तनुजा ''तनु''
''तनु ''ख्वाहिशें कई बाकी मेरे जी बेसब्र को !!.... तनुजा ''तनु''
No comments:
Post a Comment