बधाई !!!बधाई!!! बधाई!!!
स्वर्ण किरणें आँगन आई ,
खिले सुमन प्रभात !
मनोवेग मधुकर सा डोले , ,,
काँप रहा है गात !!
वर्षा ये कुसुम मकरंद की ,
बरसे मधुमय नीड !
स्पर्श सुख से आनंदित हो , ,,
भूला दुखमय पीड !!
शून्य मना, नवल रागों से ,
रंजित गुंजित, साभार !
गाकर प्रथम प्रभात गीत , ,,
मिल बोलें, आभार !!
लतिका झुक छलकाए गागर ;
सु - मना सुमन उलीच !
पुलकित प्लावित सौंधी पवन , ,,
ज्यों बालू के बीच !!
सद्यस्नाता मलयानिल में ,
कनक किरणें भाई !
बेला विभ्रम की बीती अब , ,,
कह दो जी बधाई !!,,, तनुजा ''तनु ''
स्वर्ण किरणें आँगन आई ,
खिले सुमन प्रभात !
मनोवेग मधुकर सा डोले , ,,
काँप रहा है गात !!
वर्षा ये कुसुम मकरंद की ,
बरसे मधुमय नीड !
स्पर्श सुख से आनंदित हो , ,,
भूला दुखमय पीड !!
शून्य मना, नवल रागों से ,
रंजित गुंजित, साभार !
गाकर प्रथम प्रभात गीत , ,,
मिल बोलें, आभार !!
लतिका झुक छलकाए गागर ;
सु - मना सुमन उलीच !
पुलकित प्लावित सौंधी पवन , ,,
ज्यों बालू के बीच !!
सद्यस्नाता मलयानिल में ,
कनक किरणें भाई !
बेला विभ्रम की बीती अब , ,,
कह दो जी बधाई !!,,, तनुजा ''तनु ''
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