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Monday, December 7, 2015

बधाई !!!बधाई!!! बधाई!!!


स्वर्ण किरणें आँगन आई , 
खिले सुमन प्रभात !
मनोवेग मधुकर सा डोले , ,,
काँप रहा है गात !!

वर्षा ये कुसुम मकरंद की , 
बरसे मधुमय नीड !
स्पर्श सुख से आनंदित हो , ,,
भूला दुखमय पीड !!

शून्य मना, नवल रागों से ,
रंजित गुंजित, साभार !
गाकर प्रथम प्रभात गीत , ,,
मिल बोलें,   आभार !! 

लतिका झुक छलकाए गागर ;
सु - मना सुमन उलीच ! 
पुलकित प्लावित सौंधी पवन , ,, 
ज्यों बालू  के बीच !! 

सद्यस्नाता मलयानिल में ,
कनक किरणें भाई !
बेला विभ्रम की बीती अब , ,,
कह दो जी बधाई !!,,, तनुजा ''तनु ''



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