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Monday, February 29, 2016


इंतज़ार , ,,

झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;
तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे !
ढल गया वक़्त भी, परछाई साथ है , ,,,,
बिन तुम्हारे ये नज़ारा क्या करे !! ''तनु ''


झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;
तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे ! 
ढल गयी शाम फ़क्त साया साथ है 
बिन तुम्हारे  ये नज़ारा क्या करे !!   ''तनु ''



झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;


तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे !!


ढल गयी शाम  परछाई साथ है ; 

बिन तुम्हारे ये नज़ारा क्या करे !!


मैं भँवर में डूबता हूँ ऐ सनम ;

टूटा दिल छूटा सहारा क्या करे !!


घुंघरू पाज़ेब के खनके कहीं ;

 गीत में ग़म साज़ यारा क्या करे !!


रोज़ यादों में फ़साने को लिक्खूँ ;

रोशनाई बेरंग,  कारा क्या करे !!


उठ गयी 'तनु' भीत ऊँची बैर की ; 

 ये झरोखा ये ओसारा क्या करे !!.... ''तनु''


क्या बनो , ,,

बाजार से गुज़रो न खरीदार बनो ;
दुनिया दिखावा है न नमूदार बनो !
एक आइना है जो दिखाता सच है , ,,
दिल में समा जाओ न इश्तहार बनो !!,,....तनुजा ''तनु ''


चलता चल ,


आहिस्ता-आहिस्ता रंजूरी देखना ;
आब -ओ- गिल से मत दूरी देखना !
वक्त को  मुट्ठी में रखना बांधकर ,                    
क्यों फिर मकाम-ए- मजबूरी देखना !! ...तनुजा ''तनु ''

Saturday, February 27, 2016

सुप्रभात !!!

रजनी श्याम सुन्दर सी न्यारी, 
तारों से करती है बात !
मोहक मुरली की धुन प्यारी , 
खिले खिले से नवल प्रभात !

Thursday, February 25, 2016

रूह 


रूह अपनी ले चला हूँ इस शहर से ;
टूट कर रोड़ा हुआ हूँ खँडहर से !

छीन दीये की लौ गहराया तम है, ,, 
पूछता फिरता रहा हूँ फिर सहर से !!

टूटती ऊँची चिनाई, है दर कहाँ ;
कौन बतलाओ !!  बचा कैसे कहर से !

गुज़रता दिन आ गयी है रात क्यों कर;
क्या लगेगा वो किनारे ही लहर से !!

सोच !! लिखता खूं भिगो किस्सा-ए-जिंद ;  
बोलियाँ खोयी, गए सो, सौ जहर से !... तनुजा ''तनु ''

Tuesday, February 23, 2016


याद

याद सारा जहां करे यूँ ही ;
कोई बाकी नहीं सर रखिये !
आज जाने घडी, वही मुक़र्रर, ,
काज अपने सदा सुघर रखिये ! ''तनु ''

Saturday, February 20, 2016

ख़्वाब

नैन नगर के बाशिंदे जुड़ गए ;
ख़्वाब के सारे परिंदे उड़ गए !

गीत गायें,  बुलबुलें नाचें चमन  ;
प्रीत लेने ''प्रेम परिंदे'' खुद गए  ...

चैन से सोऊँ यही है चाह इक , ,,
पाप से डर सारे दरिंदे मुड़ गए !!

बस्तियाँ हैं चाह की कुछ दूर पर ;
लो खुदा के नुमाइंदे उमड़ गए !!

दहकता दिल है जज़्बात प्यार के  ;
रंग रसिया ले,  साजिन्दे जुड़ गए !!..... तनुजा ''तनु ''
ख़्वाब


नैन नगर के बाशिंदे कुढ़ गए ;
ख़्वाब के सारे परिंदे उड़ गए !

चैन से सोऊँ कहाँ है मुमकिन' ये   , ,,
जालिम जलील दरिंदे जुड़ गए !! 

तरस जाए है मकीन कहाँ मकां ;
राह मुश्किल, कारिंदे निचुड़ गए !!

बस्तियाँ हैं चाह की कुछ आग में  ;
 लो खुदा के नुमाइंदे उजड़ गए !!

दहकते दिल के जज़्बात रोक लो ;
साज टूटा के साजिन्दे बिछुड़ गए !!,,,तनुजा ''तनु ''






ख़्वाब

नैन नगर के बाशिंदे कुढ़ गए ;
ख़्वाब के सारे परिंदे उड़ गए !

चैन से सोऊँ कहाँ है ये मुमकिन   , ,,
जालिम जलील दरिंदे जुड़ गए !! 
ख़्वाब


नैन नगर के बाशिंदे जुड़ गए ;
ख़्वाब के सारे परिंदे उड़ गए !

चैन से सोऊँ यही है चाह इक  , ,,
पाप से डर सारे दरिंदे मुड़ गए !! ,..... तनुजा ''तनु ''





Friday, February 19, 2016

रूह 

अजनबी ख्वाहिशें सीने में,    रूह की तरह कायम ; 
जिरह में टूट कर बिखरी, मजरूह की तरह कायम !
ग़मदीदा अपनी शिकस्तों से इस तरह बगलगीर ,
यूँ कब्र में हम - आगोश हैं,    रूह की तरह कायम !!

ग़मदीदा = दु:खित, व्यथित

Thursday, February 18, 2016


वाकिआ , ,,,

इक वाकिया दिल का, रिवायत की पूछ मत ;
जो जानता है सब कुछ, शिकायत की पूछ मत !!

आँखें झुकी हुईं, दिल की दिल से बातें कही ;  
मांगी दुआ दिलो जां से आयत की पूछ मत !!

होठों पर नाम जब उनका आता है कभी ;
होती है बहारों से,  इनायत की पूछ मत !!

दुनिया कहेगी दास्तां जज़्बा-ए दिल की ;
और समां ही कहेगा हिकायत की पूछ मत !!

हो जाय आसमाँ खफा जमीं साथ छोड़ दे ;
यारब तू जो साथ है रिआयत की पूछ मत !! ... तनुजा ''तनु ''



 वाक़िआ incidentरिवायत  tradition,   
आयत verse of the Quran;
इनायत kindness;
हिकायतstory, tale, narrative
रिआयत concession;

Wednesday, February 17, 2016


अभी तो , ,,


कई काम बाकी जमीं आसमां के ;
नज़म है नयी सी बिना तर्जुमां  के !!

रुआं भी जिसम का कर्ज में ही डूबा ;
बनी जान पर साँस कहाँ नातवाँ के !!

फ़ुग़ाँ में उम्र की है जद्दोजहद सी ;
सुनेगे सदा सुनने वाले जहाँ के !!

खराब करता ही गया मैं दिनों को ;
कुछ हसीं से सूद हैं अपने जियां के !!

दिख रहा उसे, मैं निगाहों में उसकी ; 
नहीं वो कभी भी वहम में गुमां के !!

नज़र आ रही रोशनी दीप की अब ;
फिरे भाग फिर से उस सूने मकां के !!..... तनुजा ''तनु ''





Saturday, February 13, 2016



आया बसंत आया बसंत



आया बसंत हरखो जी भर ;
पीली सरसों निरखो जी भर !!

फूला अमलतास आलस ले ;
पीला कितना परखो जी भर !!

सागर नदिया क्यों इठलाये ?
कितना लहरा तरको जी भर , ,,

पपीहा कर पिऊ पिऊ शोर ;
प्यार की प्यास बरसो जी भर !!

टेसू खिले आम बौराया ;
बोल के राम दरसो जी भर !!

कोयल कूके पवन मदभरी ; 
पी के बिरही तरपो जी भर !!

चढ़ा रंग है गहरा चोखा ;
''तनु ''भर प्याली परसो जी भर !!....तनुजा ''तनु ''


Friday, February 12, 2016

अनुनय , 

हूँ वही मैं निकृष्ट बेकार सी लड़की,
श्रृद्धा भक्ति की रही हरबार ही कड़की !
बसंत संग तुम क्यों नहीं आते कान्हा ??
जिद छोडो,  बात नहीं मनुहार की अड़ की, ,,,,..तनुजा ''तनु '' 

बसंत 

बसंत में फूलों की आई बहार ;
पलाश का मित्र बना नन्हा कचनार !
देर सवेर आया रूठा अमलतास, ,,
तन उसके वल्लरी उलझी सी नार !!,,,,''तनु ''
कैसा वसंत ?

अपसंस्कृति कैसी कुशिक्षा जन जन में ?
कैसा वसंत ? आधे नहीं वसन तन में 
तन उजले मन काले भूले सदाचार , ,,
देख,  कामिनी झुलस गयी जीवन वन में !!.... तनुजा ''तनु ''

Wednesday, February 10, 2016

वसंत आया 


तन तृण तरंगित है ;
घूँघट कली ने सरकाया !
अधरों पर अंगुली धरे , ,,
चुपके से वसंत आया !!

प्रीत की क्यारी में ;
फिर सुमन हरषाया !
खुली वसंत की बारी , ,,
सौरभ भरमाया !! .... अधरों पर

चिठिया से प्रीत नहीं ;
प्रीतम ही आया !
खिलखिलाई सखियाँ , ,,
लो ऋतुराज आया!! .... अधरों पर

सजीले,  सजे से द्रुम ;
नव कोपलों में गुम !
कलियों का  लेकर , ,,
यूँ  सरताज आया !! ....  अधरों पर

सजीली गोरियाँ ;
मुस्काती टोलियाँ !
फाग गीतों ने।, ,, 
हर गाँव सजाया !! ... अधरों पर


मदभरी महुआ मटकी से ;
पीकर वारुणी वन में !
थाली मांदल की थाप पर , ,,
झूम झूम नचाया !! ... अधरों पर

धरती का नवयौवन ; 
निहारे रवि साजन !
 पुहुप टेसू खिलकर , ,,
कैसा इतराया !!.... अधरों पर

पीली सी पाग धरे ;
वसंत की टेर टरे !
हाथ सरसों से पीले कर, ,, 
मधुमास लड़खड़ाया !! .... अधरों पर

वसंत का आना गुन ;
 ज्योँ मधुप बौराया !
ऋतुपति के प्यार में , ,,
अंग अंग गदराया !! ..... अधरों पर.... तनुजा ''तनु ''


क्या हुआ जो मिला न हमको हम सा कोई ;
आइना देखूँ या देखूँ तुम सा कोई ! 
अश्क आँखों में लहू बन के उभर आया, ,,,
होश था कायम बे सब्र मुद्दत सा कोई !!.... तनुजा ''तनु ''

Tuesday, February 9, 2016



चोटिल घायल तन मेरा है ;
धीमी साँस उच्छ्वास का कैदी !

करूँ भरोसा कहाँ और कैसे ?
मुझे मलाल मैं आस का कैदी !!

देखूँ भरकर नज़रें अपलक;
दम -ब -दम एहसास का कैदी !

अब दाम कहाँ ज़हर खाने को ;
डूब गया हूँ प्यास का कैदी !!

गिरे सितारे आसमान के ;
कहाँ चाँद उजास का कैदी !!

हमेशा ही रहा  बे- बहर सा ;
कीड़ा तम और घास का कैदी !!.... तनुजा ''तनु ''

Sunday, February 7, 2016




गज़ब है तिल !! दिल में है तिल ,
तिल तिल बेदिल, बेहद कातिल !!
हठेला हो गया तो गया है छिल ,
फटेला है? क्यों नहीं जाता सिल ??
मुहब्बत में घायल पियें करेला ,
रोता ही रह जाए बिगड़ा हठेला। ... 
दुपहिया हो सायकिल हो या ट्रक  ,,,,
भोंपू तो बजेगा बजना है बेशक 
बेवजह ही जले दिल, जलते दिल
 तिल तिल बेदिल, बेहद कातिल !!
गज़ब है तिल !! दिल में है तिल ,....तनुजा ''तनु ''

Tuesday, February 2, 2016


रात दंगों में जल रही ;


सुना है रात दंगों में जल रही ;
यहाँ दिन में उदासी सी पल रही !! 

हवा सहरा से चले या कि गुलशन , ,,
जलाती जुल्म ढाती ही चल रही !!

नज़ारे तो उनींदे ही रह गए ;
पलक आँसू लिए क्यों बोझल रही !!

ज़माना याद करता रहेगा' सदियों ;
शब यहाँ हादसे की जो कल रही !!

जिसे दिन रात नज़रों से निहारा ;
उन्ही निगाहों से जिंदगी ओझल रही !!

कहाँ तक ताब ?  दिल बेबस ओ ग़मगीं :
सदा देकर मिरी साँसे बेकल रही !!...तनुजा ''तनु ''