झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;
तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे !
ढल गयी शाम फ़क्त साया साथ है
ढल गयी शाम फ़क्त साया साथ है
बिन तुम्हारे ये नज़ारा क्या करे !! ''तनु ''
झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;
ढल गयी शाम परछाई साथ है ;
बिन तुम्हारे ये नज़ारा क्या करे !!
मैं भँवर में डूबता हूँ ऐ सनम ;
घुंघरू पाज़ेब के खनके कहीं ;
रोज़ यादों में फ़साने को लिक्खूँ ;
उठ गयी 'तनु' भीत ऊँची बैर की ;
झील, पानी, नाव इशारा क्या करे ;
तू नहीं अब दिल बिचारा क्या करे !!
ढल गयी शाम परछाई साथ है ;
बिन तुम्हारे ये नज़ारा क्या करे !!
मैं भँवर में डूबता हूँ ऐ सनम ;
टूटा दिल छूटा सहारा क्या करे !!
घुंघरू पाज़ेब के खनके कहीं ;
गीत में ग़म साज़ यारा क्या करे !!
रोज़ यादों में फ़साने को लिक्खूँ ;
रोशनाई बेरंग, कारा क्या करे !!
उठ गयी 'तनु' भीत ऊँची बैर की ;
ये झरोखा ये ओसारा क्या करे !!.... ''तनु''
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