Labels

Saturday, February 20, 2016

ख़्वाब

नैन नगर के बाशिंदे जुड़ गए ;
ख़्वाब के सारे परिंदे उड़ गए !

गीत गायें,  बुलबुलें नाचें चमन  ;
प्रीत लेने ''प्रेम परिंदे'' खुद गए  ...

चैन से सोऊँ यही है चाह इक , ,,
पाप से डर सारे दरिंदे मुड़ गए !!

बस्तियाँ हैं चाह की कुछ दूर पर ;
लो खुदा के नुमाइंदे उमड़ गए !!

दहकता दिल है जज़्बात प्यार के  ;
रंग रसिया ले,  साजिन्दे जुड़ गए !!..... तनुजा ''तनु ''

No comments:

Post a Comment