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Saturday, February 13, 2016



आया बसंत आया बसंत



आया बसंत हरखो जी भर ;
पीली सरसों निरखो जी भर !!

फूला अमलतास आलस ले ;
पीला कितना परखो जी भर !!

सागर नदिया क्यों इठलाये ?
कितना लहरा तरको जी भर , ,,

पपीहा कर पिऊ पिऊ शोर ;
प्यार की प्यास बरसो जी भर !!

टेसू खिले आम बौराया ;
बोल के राम दरसो जी भर !!

कोयल कूके पवन मदभरी ; 
पी के बिरही तरपो जी भर !!

चढ़ा रंग है गहरा चोखा ;
''तनु ''भर प्याली परसो जी भर !!....तनुजा ''तनु ''


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