बसंत
बसंत में फूलों की आई बहार ;
पलाश का मित्र बना नन्हा कचनार !
देर सवेर आया रूठा अमलतास, ,,
तन उसके वल्लरी उलझी सी नार !!,,,,''तनु ''
बसंत में फूलों की आई बहार ;
पलाश का मित्र बना नन्हा कचनार !
देर सवेर आया रूठा अमलतास, ,,
तन उसके वल्लरी उलझी सी नार !!,,,,''तनु ''
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