वसंत आया
तन तृण तरंगित है ;
घूँघट कली ने सरकाया !
अधरों पर अंगुली धरे , ,,
चुपके से वसंत आया !!
प्रीत की क्यारी में ;
फिर सुमन हरषाया !
खुली वसंत की बारी , ,,
सौरभ भरमाया !! .... अधरों पर
चिठिया से प्रीत नहीं ;
प्रीतम ही आया !
खिलखिलाई सखियाँ , ,,
लो ऋतुराज आया!! .... अधरों पर
सजीले, सजे से द्रुम ;
नव कोपलों में गुम !
कलियों का लेकर , ,,
यूँ सरताज आया !! .... अधरों पर
सजीली गोरियाँ ;
मुस्काती टोलियाँ !
फाग गीतों ने।, ,,
हर गाँव सजाया !! ... अधरों पर
मदभरी महुआ मटकी से ;
पीकर वारुणी वन में !
थाली मांदल की थाप पर , ,,
झूम झूम नचाया !! ... अधरों पर
धरती का नवयौवन ;
निहारे रवि साजन !
पुहुप टेसू खिलकर , ,,
कैसा इतराया !!.... अधरों पर
पीली सी पाग धरे ;
वसंत की टेर टरे !
हाथ सरसों से पीले कर, ,,
मधुमास लड़खड़ाया !! .... अधरों पर
वसंत का आना गुन ;
ज्योँ मधुप बौराया !
ऋतुपति के प्यार में , ,,
अंग अंग गदराया !! ..... अधरों पर.... तनुजा ''तनु ''
तन तृण तरंगित है ;
घूँघट कली ने सरकाया !
अधरों पर अंगुली धरे , ,,
चुपके से वसंत आया !!
प्रीत की क्यारी में ;
फिर सुमन हरषाया !
खुली वसंत की बारी , ,,
सौरभ भरमाया !! .... अधरों पर
चिठिया से प्रीत नहीं ;
प्रीतम ही आया !
खिलखिलाई सखियाँ , ,,
लो ऋतुराज आया!! .... अधरों पर
सजीले, सजे से द्रुम ;
नव कोपलों में गुम !
कलियों का लेकर , ,,
यूँ सरताज आया !! .... अधरों पर
सजीली गोरियाँ ;
मुस्काती टोलियाँ !
फाग गीतों ने।, ,,
हर गाँव सजाया !! ... अधरों पर
मदभरी महुआ मटकी से ;
पीकर वारुणी वन में !
थाली मांदल की थाप पर , ,,
झूम झूम नचाया !! ... अधरों पर
निहारे रवि साजन !
पुहुप टेसू खिलकर , ,,
कैसा इतराया !!.... अधरों पर
पीली सी पाग धरे ;
वसंत की टेर टरे !
हाथ सरसों से पीले कर, ,,
मधुमास लड़खड़ाया !! .... अधरों पर
वसंत का आना गुन ;
ज्योँ मधुप बौराया !
ऋतुपति के प्यार में , ,,
अंग अंग गदराया !! ..... अधरों पर.... तनुजा ''तनु ''
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