चोटिल घायल तन मेरा है ;
धीमी साँस उच्छ्वास का कैदी !
करूँ भरोसा कहाँ और कैसे ?
मुझे मलाल मैं आस का कैदी !!
देखूँ भरकर नज़रें अपलक;
दम -ब -दम एहसास का कैदी !
अब दाम कहाँ ज़हर खाने को ;
डूब गया हूँ प्यास का कैदी !!
गिरे सितारे आसमान के ;
कहाँ चाँद उजास का कैदी !!
हमेशा ही रहा बे- बहर सा ;
कीड़ा तम और घास का कैदी !!.... तनुजा ''तनु ''
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