रूह
अजनबी ख्वाहिशें सीने में, रूह की तरह कायम ;
जिरह में टूट कर बिखरी, मजरूह की तरह कायम !
ग़मदीदा अपनी शिकस्तों से इस तरह बगलगीर ,
यूँ कब्र में हम - आगोश हैं, रूह की तरह कायम !!
ग़मदीदा = दु:खित, व्यथित
अजनबी ख्वाहिशें सीने में, रूह की तरह कायम ;
जिरह में टूट कर बिखरी, मजरूह की तरह कायम !
ग़मदीदा अपनी शिकस्तों से इस तरह बगलगीर ,
यूँ कब्र में हम - आगोश हैं, रूह की तरह कायम !!
ग़मदीदा = दु:खित, व्यथित
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