अनुनय ,
हूँ वही मैं निकृष्ट बेकार सी लड़की,
श्रृद्धा भक्ति की रही हरबार ही कड़की !
बसंत संग तुम क्यों नहीं आते कान्हा ??
जिद छोडो, बात नहीं मनुहार की अड़ की, ,,,,..तनुजा ''तनु ''
हूँ वही मैं निकृष्ट बेकार सी लड़की,
श्रृद्धा भक्ति की रही हरबार ही कड़की !
बसंत संग तुम क्यों नहीं आते कान्हा ??
जिद छोडो, बात नहीं मनुहार की अड़ की, ,,,,..तनुजा ''तनु ''
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