वाकिआ , ,,,
इक वाकिया दिल का, रिवायत की पूछ मत ;
जो जानता है सब कुछ, शिकायत की पूछ मत !!
आँखें झुकी हुईं, दिल की दिल से बातें कही ;
मांगी दुआ दिलो जां से आयत की पूछ मत !!
होठों पर नाम जब उनका आता है कभी ;
होती है बहारों से, इनायत की पूछ मत !!
दुनिया कहेगी दास्तां जज़्बा-ए दिल की ;
और समां ही कहेगा हिकायत की पूछ मत !!
हो जाय आसमाँ खफा जमीं साथ छोड़ दे ;
यारब तू जो साथ है रिआयत की पूछ मत !! ... तनुजा ''तनु ''
वाक़िआ incidentरिवायत tradition,
आयत verse of the Quran;
आयत verse of the Quran;
इनायत kindness;
हिकायतstory, tale, narrative
हिकायतstory, tale, narrative
रिआयत concession;
No comments:
Post a Comment