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Thursday, February 18, 2016


वाकिआ , ,,,

इक वाकिया दिल का, रिवायत की पूछ मत ;
जो जानता है सब कुछ, शिकायत की पूछ मत !!

आँखें झुकी हुईं, दिल की दिल से बातें कही ;  
मांगी दुआ दिलो जां से आयत की पूछ मत !!

होठों पर नाम जब उनका आता है कभी ;
होती है बहारों से,  इनायत की पूछ मत !!

दुनिया कहेगी दास्तां जज़्बा-ए दिल की ;
और समां ही कहेगा हिकायत की पूछ मत !!

हो जाय आसमाँ खफा जमीं साथ छोड़ दे ;
यारब तू जो साथ है रिआयत की पूछ मत !! ... तनुजा ''तनु ''



 वाक़िआ incidentरिवायत  tradition,   
आयत verse of the Quran;
इनायत kindness;
हिकायतstory, tale, narrative
रिआयत concession;

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