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Monday, March 19, 2018
हर दुकान सजी हुई
हर दुकान सजी हुई, हमने आज़ार ही देखे;
पेट भरने की फ़िक्र ने, सजे बाजार ही देखे !
झूलती
साँसे
रही
आस निरास के झूले में, ,,
और फिर बाद मरने, खुले अब्सार ही देखे !!.. ''तनु''
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