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Kaavya
Thursday, March 8, 2018
यूँ ही ढ़ोना ना हुआ,
जिंदगी को दम बदम यूँ ही ढ़ोना ना हुआ,
ये ज़िद रही आफ़ताब क्यूँ तिकोना ना हुआ !
घूमते ही
रह गये
उफ़
चकरियों की तरह, ,,
गोल कमरा था की क्यों कोई कोना ना हुआ!!... ''तनु''
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