नेट से जब इश्क हुआ , बीत गयी कब रात ;
हुआ सवेरा देर से , कहाँ सुबह की वॉक!
कहाँ सुबह की वॉक ? सुबह कब संध्या होती ;
पिज़ा बर्गर खाए ------ नसीब न रोटी होती, ,,,,,
मोटा चश्मा फिगर गुम यूँ उड़ते जेट से;
टंकित होती बात इश्क हुआ जब नेट से !!.... तनुजा ''तनु ''
हुआ सवेरा देर से , कहाँ सुबह की वॉक!
कहाँ सुबह की वॉक ? सुबह कब संध्या होती ;
पिज़ा बर्गर खाए ------ नसीब न रोटी होती, ,,,,,
मोटा चश्मा फिगर गुम यूँ उड़ते जेट से;
टंकित होती बात इश्क हुआ जब नेट से !!.... तनुजा ''तनु ''
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