पोलो भीतर ढोल का, गावै पड़ता मार
बोल सुहाणा दूर का, दीखै भारी भार !!
दीखै भारी भार, मंगल वाद्य हमारो,
दीखै भारी भार, मंगल वाद्य हमारो,
ले डुग्गी मिरदंग, हरमुनिया एकतारो , ,,
संग झाल खड़ताल, शंख डम डमरू बोलो!
सुषिर मधुर झंकार , पखावज ढोलक पोलो!!... ''तनु''
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