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Wednesday, March 28, 2018

पोलो भीतर ढोल का, गावै पड़ता मार 
बोल सुहाणा दूर का, दीखै भारी भार !!
दीखै भारी भार,    मंगल वाद्य हमारो,
ले डुग्गी मिरदंग,  हरमुनिया एकतारो  , ,,
संग झाल खड़ताल,  शंख डम डमरू बोलो!
सुषिर मधुर झंकार ,  पखावज ढोलक पोलो!!... ''तनु''

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