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Wednesday, February 6, 2019

खोकर तुम्हे मुस्कुराना है खोया

खोकर तुम्हे, मुस्कुराना है खोया !
शजर कट गये आशियाना है खोया!!

दौर-ए-खिज़ा में क्यों झरते हैं गुल !
कैसा ये मौसम सुहाना है खोया!!

आइने आ मैं तुझे जी भर निहारूँ!
अभी मैंने अक्स पुराना है खोया!!

चेहरा निखरता नहीं अब तो मेरा!
चाँद मेरा जाने शहाना है खोया!!

रूह मेरी भी कहाँ मेरी अपनी!
अपना है खोया पहचाना है खोया!!
------"तनु"

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