कर में रक्षक सूत है, सर विजय का ताज!
बलिहारी मैं आपकी,निर्भय रखना लाज!!
ओ सैनिक रण बाँकुरे, राह बिछाऊँ फूल!
धूल चटाना अरि को, कर आना निर्मूल!!
वादी में शहनाइयाँ, परबत पर सिंदूर!
नभ तिरंगा लहराये, सुबह नहीं अब दूर!! ---"तनु"
बलिहारी मैं आपकी,निर्भय रखना लाज!!
ओ सैनिक रण बाँकुरे, राह बिछाऊँ फूल!
धूल चटाना अरि को, कर आना निर्मूल!!
वादी में शहनाइयाँ, परबत पर सिंदूर!
नभ तिरंगा लहराये, सुबह नहीं अब दूर!! ---"तनु"
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