Labels

Saturday, February 2, 2019

अंधेरा कब रवि का हक़दार हो जाये!
किरण की साँझ से कब यलगार हो जाये!!

देखने पर तो सबके सब प्यार से रहते!
जाने धर्म के नाम आरियाँ पार हो जाये!!

झाँक सकते हम निग़ाहें डाल दिलों में यूँ !
जान लेते कौन संत कब बदकार हो जाये!!

बचाना आब को तुम बारिशों के बाद भी!
जाने पवन कब आग का यार हो जाये!!

'तनु' तुम मुहब्बत में जां निसार करना नहीं !
चलते चलते जाने कब वो बेज़ार हो जाये!!
-----"तनु"

No comments:

Post a Comment