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Sunday, December 14, 2014



यूँ घुट घुट कर  जिंदगी का ज़हर पी लिया मैंने !
फ़साना- ए -जिंदगी देखा  लबों को सी लिया मैंने!! 

बादबां दुनिया क्या देखेगी चाक गरेबां को ??
जब्त - ए - जुनू बे गरेबाँ लिबास सी लिया मैंने,

जज़्बा -ए - इमां  न दिखा कभी इस दुनिया को !
करीब वो आज  भी नहीं तन्हा बहुत जी लिया मैंने !! 

रहा तन्हाई का सफर लंबा अभी न पूछ ''तनु'' को !
''ग़ज़ल ''में जिंदगी थी बहारों से ''गीत '' भी लिया मैंने !!…''तनु ''


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