यूँ घुट घुट कर जिंदगी का ज़हर पी लिया मैंने !
फ़साना- ए -जिंदगी देखा लबों को सी लिया मैंने!!
बादबां दुनिया क्या देखेगी चाक गरेबां को ??
जब्त - ए - जुनू बे गरेबाँ लिबास सी लिया मैंने,
जज़्बा -ए - इमां न दिखा कभी इस दुनिया को !
करीब वो आज भी नहीं तन्हा बहुत जी लिया मैंने !!
रहा तन्हाई का सफर लंबा अभी न पूछ ''तनु'' को !
''ग़ज़ल ''में जिंदगी थी बहारों से ''गीत '' भी लिया मैंने !!…''तनु ''
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