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Saturday, December 20, 2014

स्थानांतरण होते रहे तो अजन अबूझ न रहता !
तू यहाँ  है कितने दिनों तक सजन अबूझ न रहता !!
बनाना  है क्यों यहाँ घरौंदा कब ठिकाना है कहाँ !
आज यहाँ  है कल है चलना चलन अबूझ न रहता !!… ''तनु ''

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