ढूँढू परिंदा
खोया घरौंदा कहाँ
उजड़ चला
काते चित्त से ,
बुनकर चिरैया !!!
सजा घोंसला ,…
प्राण पखेरू !!!
अविनाशी सजन ,
अलौकिक है ! ....
प्राण पखेरू !
काया पिंजरा रहा,....
चलता छोड़ !!
टूटे पंखों की !!!
दास्तान पुरानी सी ,
उड़ान खोई,....
उजड़ा घर !
पंछी बिन घरौंदा ,....
सूना घोंसला !!! .... ''तनु ''
खोया घरौंदा कहाँ
उजड़ चला
काते चित्त से ,
बुनकर चिरैया !!!
सजा घोंसला ,…
प्राण पखेरू !!!
अविनाशी सजन ,
अलौकिक है ! ....
प्राण पखेरू !
काया पिंजरा रहा,....
चलता छोड़ !!
टूटे पंखों की !!!
दास्तान पुरानी सी ,
उड़ान खोई,....
उजड़ा घर !
पंछी बिन घरौंदा ,....
सूना घोंसला !!! .... ''तनु ''
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