झुक कर चल ? क्यों चलूँ ?? बारहा न पूछ ,
गिर कर उठ ? क्यों उठूँ ? बारहा न पूछ ,
सबके झुकने की अदा सजदा कहलाती है !
सलाम ओ नमस्ते के अलफ़ाज़ न पूछ !!
दाता के लिबास से महक सी आती है !
उसके रहमो करम के अंदाज़ न पूछ !!
गुल में रंग -ओ - बू अपने आप आती है !
कैसे ?और क्यों ? तनु बारहा न पूछ !!… ''तनु''
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