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Thursday, December 18, 2014



झुक कर चल ? क्यों चलूँ ?? बारहा  न पूछ ,
गिर कर उठ ?  क्यों उठूँ  ? बारहा न पूछ ,

सबके झुकने की अदा सजदा कहलाती है !
सलाम ओ नमस्ते के अलफ़ाज़ न पूछ !!

दाता के लिबास से महक सी आती है !
उसके रहमो करम के अंदाज़ न पूछ !!

गुल में रंग -ओ - बू  अपने आप आती है !
कैसे ?और क्यों ? तनु  बारहा न पूछ !!… ''तनु''



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