Labels

Wednesday, December 10, 2014

लिबास अलग मुखौटा अलग

लिबास अलग मुखौटा अलग तुम अंदर से कुछ और हो !!

चाहत दिखाते ज़ख़म छुपाते तुम  अंदर से कुछ और हो !!! 

सभी  कहते हैं तख़लीक़ की कोई तरतीब नहीं होती !!

छोड़ दो  !!! सादगी ज़माने की तुम अंदर से कुछ और हो !!! …''तनु ''

No comments:

Post a Comment