राह न चली
वय रुकी न वक्त
जीवन रुका …… ''तनु ''
विद्या का ज्ञाता
गुरु राह दिखाता
असर ज्ञान / उपजे ज्ञान … ''तनु ''
गु अंधियारी
मिटे अज्ञान राह
रू उजियारा … ''तनु ''
मोती बिखेरे
लहर सागर की
चुग ले हंसा
दृष्टिगोचर
दिनमणि शशांक
स्वयं की राह
ईश दरश
राह सुख मुक्ति की
उत्तम कर्म
धूल परत
उड़ने की ललक
भूली डगर
विद्या अविद्या
वय रुकी न वक्त
जीवन रुका …… ''तनु ''
विद्या का ज्ञाता
गुरु राह दिखाता
असर ज्ञान / उपजे ज्ञान … ''तनु ''
गु अंधियारी
मिटे अज्ञान राह
रू उजियारा … ''तनु ''
मोती बिखेरे
लहर सागर की
चुग ले हंसा
दृष्टिगोचर
दिनमणि शशांक
स्वयं की राह
ईश दरश
राह सुख मुक्ति की
उत्तम कर्म
धूल परत
उड़ने की ललक
भूली डगर
विद्या अविद्या
हमारे अंतर्मन
राह प्रकाश
उघारे गात
नरक राह पाये
विषयासक्त
दिखते दूर
नभ के चाँद तारे
पथ अपना
उघारे गात
नरक राह पाये
विषयासक्त
दिखते दूर
नभ के चाँद तारे
पथ अपना
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