चित्रकार चित्र में मोहन को लाय के !
तीन रूप वारै विष्णु को दिखाए हैं !!
कमल आसन है देवी लक्ष्मी को !
इस हेतु पगनख चित्र में उघारे हैं !!
पंकज कर में सुशोभित है शारदे को !
बुद्धिभ्रम न हो अवतंस बीच मोर पंख धारे हैं!!
तज दम्भ मोछन दई मानुषं कूँ ईश्वर ने !
कृष्ण् वैश्र्वानर जगदीश बन पधारे हैं !!
गोरो रंग सृष्टि के निमित्त धारे हैं !
अँधियारो दूर करन को रंग कारे हैं !!
कहे तनु व्यक्त अव्यक्त तत्व रूप से !
अक्षर क्षर और अव्यय को निखारे हैं !! ''तनु ''
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