''श्रृंगार ''
सोलह रातें रंगीली रजनी रंग भरती रही ,
करके श्रृंगार नदिया जलधि सी सँवरती रही !
पूनम का चाँद निकल आया मेरु के पीछे से ,
''तारों की चूनर'' ''चाँद टीका'' रात निखरती रही !! ,,,तनुजा ''तनु ''
सोलह रातें रंगीली रजनी रंग भरती रही ,
करके श्रृंगार नदिया जलधि सी सँवरती रही !
पूनम का चाँद निकल आया मेरु के पीछे से ,
''तारों की चूनर'' ''चाँद टीका'' रात निखरती रही !! ,,,तनुजा ''तनु ''
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