गुरु
दीप बन अध्यापक खड़े , द्युति लाऊँ किस तरह !
बिखरे माला के मनके, माल बनाऊँ किस तरह !!
समक्ष संदीपनी आप थे बन सका न घनश्याम !
चरित्र में अपने अब वो निखार लाऊँ किस तरह !!...… तनुजा ''तनु ''
दीप बन अध्यापक खड़े , द्युति लाऊँ किस तरह !
बिखरे माला के मनके, माल बनाऊँ किस तरह !!
समक्ष संदीपनी आप थे बन सका न घनश्याम !
चरित्र में अपने अब वो निखार लाऊँ किस तरह !!...… तनुजा ''तनु ''
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