वेति रेवे सगळा जन पे खुसियाँ री बारिस ;
झिरमिर झिरमिर वरसे ईसी वादळी चावे !
आण राखां नमन करां हाँ तिरंगा री शान है ;
म्हारो झंडो तीरथ, मान करे इसी जवानी चावे !
लाय नी लागे धरम नी टूटे देस म्हारो प्यारो ;
कदम कदम पे म्हाने तो फूलडा री क्यारी चावे !
लोई ब्हे है कोई चीखे है डर पसर्यो है आगणें ;
हाथ पसारया बाथ भरे जो ,म्हाने इसा जन चावे !
उगमणों सूरज न्यारो आथमणों सूरज प्यारो ;
चांदड़ली हँसती रातां खिल खिल करतो दन चावे !
झूठ री खेती करे नी कोई सच रा मोती वारां ;
जयहिन्द बोलां मिश्री घोळां भूली जावां गारा !,,,तनुजा ''तनु ''
No comments:
Post a Comment