याद आवे री
याद आवे री बरसाने जन की !!!
याद आवे री बरसाने जन की !!!
वृषभानु आँगन झनक रुनझुन की !!!
याद आवे झूलत मन मोहन की,
बाँसुरी टेर सुन राधे गुनन की !!!……
भ्रमर बन कुञ्जन गूँज मधुकर की !!!
कमल दल निहार कुल पद्माकर की !!!
संग सखियाँ कर विहार सुखकर की,
करत श्रृंगार अरुषि भर दिनकर की !!!……
पूजति मन लुभावन छवि गिरधर की !!!
राजति मुरली अधर अधराधर की !!!
जन जन रहे आस मन चक्रधर की ,
पंथ निहारते नयन बृजधर की !!! .... तनुजा ''तनु ''
भ्रमर बन कुञ्जन गूँज मधुकर की !!!
कमल दल निहार कुल पद्माकर की !!!
संग सखियाँ कर विहार सुखकर की,
करत श्रृंगार अरुषि भर दिनकर की !!!……
पूजति मन लुभावन छवि गिरधर की !!!
राजति मुरली अधर अधराधर की !!!
जन जन रहे आस मन चक्रधर की ,
पंथ निहारते नयन बृजधर की !!! .... तनुजा ''तनु ''
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