Labels

Sunday, August 9, 2015

याद आवे री


याद आवे री बरसाने जन की !!! 
वृषभानु आँगन झनक रुनझुन की  !!!              
याद आवे झूलत मन मोहन की,
बाँसुरी टेर सुन राधे गुनन की !!!……


भ्रमर बन कुञ्जन गूँज मधुकर की !!!
कमल दल निहार कुल पद्माकर की  !!!
संग सखियाँ  कर विहार सुखकर की, 
करत श्रृंगार अरुषि भर दिनकर की !!!……


पूजति मन लुभावन छवि गिरधर की !!!
राजति मुरली अधर     अधराधर की !!!
जन जन रहे आस मन  चक्रधर की , 
पंथ  निहारते नयन बृजधर की !!! .... तनुजा ''तनु ''
                                

No comments:

Post a Comment