Labels

Sunday, August 31, 2014

दीप ज्ञान का ,
जला जला अज्ञान ,
ज्ञान गुरु का ।  .... ''तनु ''

निगुरा गुन,
गुरु बिन अधूरी ,
ज्ञान महिमा। .... ''तनु '' 

Saturday, August 30, 2014

ये तुम्हारे पाप की गठरी है जो तुम्हारे ही सर है ,
दाता है सदा देता ही रहा --- देगा दाता का दर है !
कहूँ विष वल्लरी पर अमृत फल लगा दिए उसने ,
बाकी कायम रहा ये तुम्हारे विश्वास का असर है !!… ''तनु '' 

Friday, August 29, 2014

 बालक ने जिम्मेदारियाँ-  ओढ़ ली,
 जनम भर कर्ज की चादर ओढ़ ली। 
 गुनाह ये कैसा उससे क्यों कर हुआ ?
 खुशियों की डगर से राहें -- मोड़ ली। .... ''तनु ''




लोलुप मन !
अनगिन लालच,,,
 मोह पीड़ित !!

माया मरे न !
दलदल में फँसा ……
मन मरे न !!'' तनु ''

पट न पायी,
उधेड़बुन रही,,,,, 
माया ठगिनी !!!''तनु ''

 भर उंडेले ,,,,, 
गागर में सागर!!!
 कवि  हृदय। ''तनु ''

चाहत रही ,
धूम्रवर्णा  विदुषी !!!
उलझा रही ,,,''तनु ''

अज्ञात चाह , 
कपट की रपट !!!
पट झीना सा ,,,''तनु ''

निनाद सुन,
अनहद अथक !!!
सगुन गुन ,.... ''तनु ''

ब्रह्म तेजस, 
ब्रम्हा विष्णु महेश !!!
ॐकार सत्य ,.... ''तनु ''

ज्ञान महिमा !!!
गुरु बिन अधूरी, 
निगुरा गुन। …'' तनु ''

बेवजह खता हुई के-- खाता न हुआ !
जब खाया ही नहीं तो खाता न हुआ !!
इल्म न था के ये आभासी नहीं ,,,,,,,,,,,,,,,,,
गरीब यूँ ही खाता था खाता न हुआ !…''तनु '' 
मैं जानता हूँ टूटे --छप्पर को सहारा देगा कौन ?
मैं जानता हूँ मौसम का मिजाज़ बदलेगा कौन ?
तेरे आसरे हूँ ऐ ऊपर वाले अब तो जमीं को देख,,,,,,,,
मैं जानता हूँ ---बादलों को बूंदों में बदलेगा कौन ?…''तनु ''

Wednesday, August 27, 2014

झीने झीने  खटोले पर  --- ---   सो रहे गण राया !
आओ लल्ला उठकर आओ,-- माँ गौरी ने बुलाया !! 
मोदक के थाल सजे हैं,-- मोतियो से चौक पुराया !
मधुर वीणा बजी,- वाणी ने स्वागत गान सुनाया !!
लल्ला ने आँखें खोली और -मन ही मन मुस्काया !
मोदक की मीठी खुशबू ने- भालचंद्र को ललचाया !!


Tuesday, August 26, 2014

लालू पैटर्न नीतीश पैटर्न चल पड़े सवार कछुए की नाव !
गठबंधन की राह  चल पड़े चाहे न दें एक दूसरे को भाव !!
दुश्मन का दुश्मन हाँ जी बन जाता है मीठा गहरा दोस्त ,,,,,,,
कमंडल ,. मन्त्रिमन्डल ,चल पड़े न जाने कहाँ होगी ठाँव  !!!…''तनु ''
सुप्रभात !!!

कक्का पढ़ने आये सूरज भोर की नई किरण के साथ !
नभ नीला है नीले आखर नरम हो गयी किरण प्रभात !!


नीले आकाश ने बिखराये ज्ञान के आखर नीले !
भोर की पहली किरण आई  किये सुनहरे पीले!!
लो अन्धकार ने समेट ली  काली चादर अपनी !
कहता है सवेरा आ चल खुशियों के साथ जी ले!!





कोरा क है नया नकोर!
ख  से खिल गयी है भोर!!
ग से गणपति को मनाओ!!!
घ घुप्प अँधेरे को भगाओ!!!!....

चमक सदा चरित्र की कायम,
छूना हरी ------दूब मुलायम !
जलन के मारे कभी न बनना ,
आन झंडे -की सदा ही रखना !!

ट से टिम टिम करते तारे ,
ठुमक के झूम नाचे नज़ारे !!
नगाड़े बजे या बजते ढोल ,
डमरू प्यारा बम बम बोल !!

त से तानपुरे के स्वर,
थ से थमे नहीं निर्झर!
द से दादी सबको प्यारी,
ध से धान साग की क्यारी!
न से नानी की बलिहारी!!

पुलक के जीना-- सुंदर जीना !
फल की आशा कभी न करना !!
बात का बतंगड़-- बुरी बात है !
भूल जाओ जो-- -बात घात है !!
मंदिर जा के ----शंख बजाओ !
माँ की बात----- न बिसराओ !!

आठों याम दिनचर्या सुन्दर ,
रहो चौकन्ना प्रहरी जगकर !!
लाल देश के तुम कहलाना ,
वक्त चलता --चलते जाना !!
शाम श्याम की भक्ति करना ,
षड्विकारों से-- सदा ही बचना !!

सद्कर्मों की ----राह भली है ,
हाय -हाय की क्या जिंदगी है! 
क्षमा करो - जो हो जाए भूल,
त्रुटि में माफी --- करो कबूल !!
ज्ञानी बनों ---- हटाओ  शूल ,
जिंदगी में -----   पाओ फूल !!!…''तनु ''



Sunday, August 24, 2014

प्यारे गज़ानन तुम तो गाड़ी से भारी ,
हुई कहाँ जाने की सुबह सुबह तैयारी ??
कभी आओ घर मेरे भी यहां पास ही है !.........
भोग लगाओ!!! मोदक भरी रखी थारी   …''तनु ''

Saturday, August 23, 2014

तेज़ हवा  उड़ाती चलती ! 
हलकी फुलकी तरती बूँदें  !! 

योगी बादल धरती बैरन !
कब बरसेंगी  तरसी बूँदें  ??

प्रदूषण की मार सह रही !
तिल तिल कर मरती बूंदें !!

कर्मठ प्राणी घोर परिश्रमी !
नमकीन पसीना हरती बूँदें  !!

खूब खिलाती हँस हँसाती ! 
मन की पीड़ा भरती बूँदें !!

 छोटे - छोटे मुकुट बिछाये !
 फिर धरती पर बरसी बूँदें !!

नम बयार लहराती चलती !
छोटी - छोटी हरषी बूँदें  !!

आयी बारिश यही सुनाये !
सरसाये ये सरसी बूँदें  !!…… ''तनु '' 


लम्बोदर आकार , प्रथम पूज्य, महानायक!!! 

पार्वतीनन्दन, विघ्नहर, गायक, गणनायक!!!
भक्तों के आलम्ब, सूर्यरूप!!! जगपालक !!!
हे वक्रतुंड!!! महाज्ञानी!!! विद्या सुखदायक !!!
मैं योगी नहीं केवल प्रणाम करती हूँ,,,,,, 
सिद्धि दो, ज्ञान का वरदान दो, सिद्धिदायक!!! 

हे आपके निमित्त दुरवा सिंदूर और मोदक !!!
एक दन्त हो, मुकुट मन्दार फूल से शोभित!!! 
बड़े विकट हो, हमारे निकट हो, सुखदायक!!! 
मोहक वर्ण धूम्र सा, भाल पर चन्द्र है प्यारा !!!
हे वरदेव!!! गणपति तुम्हारा नाम है वरदायक !!!
अक्षर, पद ,मात्रा, छूटी माफ़ी दो!!! भक्त हूँ न्यारा !!!…''तनु ''






छोटे - छोटे मुकुट बिछाये फिर धरती पर बरसी बूँदें !
नम बयार में लहराती चलती छोटी छोटी हरषी बूँदे !!
घर का पानी घर में हो,---  और खेत का पानी हो खेत !!!
आयी  बारिश,,, यही सुनाये  सरसाये  ये सरसी बूँदे !…… ''तनु '' 

सारे बंधन तोड़ के कान्हा,
 तुमसे लगाई आस.
कहना मान लो मनमोहन,
ज़रा सुन लो अरदास।

जग कहे है मनमोहन तुम्हे,
 तुम हो मेरे नंदलाल।
अंगुली पर गोवर्धन उठा,
कहलाये गोपाल।
इंद्र की मनमानी का बहुत,
 हो गया यहां उपहास,,,,,,,
कहना मान ................

तुम्हारी मन मोहनी मूरत,
तुम्हारे शोभते से अंग.
गीत गायें करे गोपियाँ मनुहार,
संग करे गोपाल सत्संग।
न दूर तुम जाओ मोहन,
रहो तुम हमारे पास,,,,,,
कहना मान ………

हाथों में तुम्हारे वेणु सजे ,
गले में वैजयंती माल.
तुम्हारे पाँव  लगे रेणु,
कस्तूरी तिलक है भाल.
सदा  मैं नाम लूँ तुम्हारा,
हो पास ये आभास,,,,,,,,
कहना मान ……

तुम्हारे प्यार की  इक बूँद,
खिलाये मन हरियल दूब.
खिल गयीं ओस में कलियाँ,
भागी जीवन की कड़वी ऊब.
जब तुम पास हो मेरे,
तो क्यों हो मन उदास ,,,,,,,,,,,,,
कहना मान ……''तनु''










Friday, August 22, 2014

प्रेम में मीरा नाची ----- गगरी नहीं थी छलकी आधी ,,
सारे पंथ अधूरे रह गए -------------- सारी बातें आधी,,,,,
सावन भादौ नीर बिन लगा गए प्रश्न चिह्न ????
हिसाब लगाया तो ये  हैं ---------  आधी की भी आधी,,,,,''तनु''
कहीं मटरू की बिजली----- बड़े अनुसंधान से बिजली ,
खर पतवार से बिजली ----नहर नालों से बन बिजली, 
नेताओं के धूम धडाके से-- सहन, आँगन, अहाते से !!!
जो है थोड़ी बहुत बिजली -कहीं खो जाए न वो बिजली ……''तनु ''……

… 
ये एक ही गुल है--गुले गुलज़ार होता तो ?
इक फूल की जानिब दिले बीमार होता तो ??
जब जीत कर आते जमाना आँखे बिछाता है .......
फूल एक ही है यहाँ--फूलों का हार होता तो ??....''तनु "

Thursday, August 21, 2014


देह है  कली कचनार .….  व्याधियां हैं अपार ,
दुश्मन हैं  बाहर हज़ार    व्याधि हैं अंतर मार !!
व्याधि हैं अंतर मार ------कैसे जान बचाइए ?
करें कौन उपाय ……    कैसे इनको भगाइए ?
ऋतुचर्या और योग ही-------- मात्र हैं  उपाय ,
देह है कली कचनार  ----लीजिये इसे बचाय !!… "तनु" 

Wednesday, August 20, 2014

गड़बड़ दोहा  ………

तुम्हरे संग नेहा लगा----  हमही को न भूलो !
सांस हमरी है तुमरी ------   जिए कैसे बोलो !!  …… ''तनु ''

वो कहते हैं के दुःख भी मैं ही देता हूँ ,
वो कहते हैं के सुख भी मैं ही देता हूँ ,
अश्रुपूरित हो या खिलखिलाए तू ,
अवसर देता हूँ छीन भी मैं ही लेता हूँ !!!.......'' तनु ''

Monday, August 18, 2014

मन कान्हा संग खो गया, मीत प्रेम अनुराग !
मन मोरे कान्हा बसें ,       प्रीत हमारा भाग !!.... ''तनु ''
आज फिर गैरों की जानिब आई है बहार ,
रूठ कर न चली जाये तमन्ना हज़ार करता हूँ !!! 

ये चाँद जो है ये उसी के लिए निकला है ,
अपनी सौ सौ जान उसपे निसार करता हूँ !!!

ये जहाँ भी उसी का है उसी की बदौलत है,
मैं धीरे धीरे चांदनी छलकाया करता हूँ !!!

ये चाहत है राहें उनकी सदा  रौशन हो ,

बन के दीया जलता हूँ राहे रौशन करता हूँ !!! 

पत्थर हैं वो  उनका भगवान भी है पत्थर का  ,

फिर भी जाने क्यों उससे फ़रियाद करता हूँ !!!

गैर हो के भी तनु  अपनों से भी वो प्यारे हैं,

चुपके चुपके नज़रों से निहारा करता हूँ !!! ........... ''तनु'' 




हे घनश्याम
बेमन से ही सही
नीर बरसा

आदिपुरुष!!!
शरणागत हम,
वत्सलधर,,,,,,,,,,

राधिका प्यारी,
 वृषभानु दुलारी!!!
रीझे मोहन।

तुलसीप्रिय!!!
वृन्दावन बिहारी!!
हरिप्रियम!

बाल गोविंद,
दधिमुख लिपटा!
मोहिनी छटा!!!

माखन चोर!
करी चोरी माखन!!!
नन्द किशोर!

रूठे कन्हाई,
गोपिका दधि लाई!!!
लूटे कन्हाई,,,,,,,,,,,,,













  

Saturday, August 16, 2014

नन्हा सा कान्हा ,
यमुना का कल्लोल ,
कालिया वध !!!


कृष्ण पारस!!!
कंचन बदलत, 
हिय हमार। ………। 


देवकी सुत ,
गिरिवर उठाया !!!
दीन नायक ,,,,,,


चराए धेनु ,
यशोदा नन्द लाला !!!
बजाए  वेणु,,,,,,,,,,, ''तनु ''



 यशोदा नंद , 
 त्रिविध ताप हर !!!
 वन्दे भूधर………


मोह महान, 

मोह गया मन को !!!
मनमोहन ………


विराट रूप !!!

सारथि अर्जुन के !
पथ रक्षक ..........  ''तनु ''


देखो नन्ही अंगुली पर उठाये नन्द के लाला गोवर्धन धर !  
मीठी वाणी मिश्री सी बोले मीठी बाँसुरी बजाये अधर धर !!
ऊखल से बंध गए, ब्रम्हांड दिखा गए, कंस, पूतना को तारा ! 
योगेश्वर !!! सारथी बने रूप विराट दिखा गए शंख चक्र धर !!… ''तनु ''


शब्द सवेरा ! शब्द साँझ ! एक बाँसुरी बाँस की ,
नयन मूंदे अधर धरे कान्हा बाँसुरी साँस की !!
मोह गोपियों का, मोहित गोकुल का, साँवरा !!!
मैं अधीर! न धरुं धीर !!! रही बेकल उच्छवास की.!!! ''तनु ''

एक नारी का अपमान सारे वंश का नाश कर गया ,
जो वचन नहीं लेने थे उन वचनों का पाश कर गया ,
स्वाभिमान, संयम, मर्यादा बिना परिवार कहाँ होता है ?
द्वेष, जलन, उत्पीड़न जीवन ऐसा उपहास कर गया !!!  ''तनु ''

Friday, August 15, 2014

सारे पंथ 
अधूरे
रह गए
सारी बातें
आधी ,,,,

अच्छा 
हिसाब लगाया
अब तो हैं 
आधी
की भी
आधी,,,,, 

प्रेम में मीरा
नाची
गगरी
नहीं थी 
छलकी 
आधी ,,,,,

कुईया
गहरी
नीर बिन .... 
हंडिया  
ऊपर 
अग्नि बिन 
सावन भादौ
भी
नीर बिन 
लगा  गए 
प्रश्न चिह्न ????…''तनु ''




आशा है बोई !
अंकुरित खुशियाँ  !!!
सफल मन्त्र !
विदाई के समय लहराते हाथ जब तिरंगा लहराएंगे !
जन समूह मिल जन गण मन साथ मिल जब गाएंगे !!
हवा में उड़ती गुलाल होगी मनवा मस्त मस्त झूमेगा !!!
कहो हम नहीं हैं तो क्या ??? फूलों से महकेंगे महकायेंगे !!''तनु ''

Thursday, August 14, 2014

कमी न हो तिरंगे की शान में,
ये मेरे देश की आन है !!!.
मैं गर्वित हूँ अभिमान है मुझे !!!
तिरंगा मेरे देश की शान है !!!

तेरी राह में फूल बिछा दूँ मैं
तेरी शान में सर कटा दूँ मैं
न हो देश में जुल्मों सितम
ये जान भी अब लुटा दूँ  मैं

कहीं गुल कोई मुरझाये न
ये गुलों की मुस्कान है
 मैं गर्वित हूँ अभिमान है मुझे  !!!
तिरंगा मेरे देश की शान है !!!

माँ फिर वही गीत गा तू
जो भगत सिंग ने गाया
 उसी जोश की ज़रुरत है
वही जोश भर जाए दिल में

चल एक स्वर में गायें हम
ये एक मीठी सी तान है
 मैं गर्वित हूँ अभिमान है मुझे !!!
तिरंगा मेरे देश की शान है !!!

आज बेटा न्यौछावर देश पर
जिस पर पिता कुर्बान हुआ
वंश कहानी लिख गये  है
उस देश की संतान हूँ  मैं

हाँ ऐसी अलख जगाएं हम
जिस वजह से देश महान है
 मैं गर्वित हूँ अभिमान है मुझे !!!
तिरंगा मेरे देश की शान है !!!

राखी  की कीमत भाई चुकाए
भारतीयता का मान रखे
सारे एक समान हों!!
कोई ऊँची न नीची जाति कहाए

मिल कर कदम बढ़ाएं हम
के छूना अब ये आसमान  है
मैं गर्वित हूँ अभिमान है मुझे !!!
तिरंगा मेरे देश की शान है !!!………''तनु''






   







स्वतंत्रता दिवस …
हाइकु .......


है !!! केसरिया,
शान लिए पगड़ी … 
भाल देश का!!!


ध्‍वज वन्दना !!!
दिन दिन दूनी हो,
जोश से बोल  !

धर्म कई हैं !!!
संस्कृति परिचय, 
गंगा जमुनी !!!

हो !!! स्वतंत्र हो ?
उत्श्रृंखलता न हो ,
देश हित  हो !!!

भाल हो  ऊँचा !!!
देश दुनिया से भी ,,,,
भारत वर्ष !!!

उडी गुलाल!!!
 देश के भाल पर !!!
आज़ाद दिन !!!

विजयी विश्व ,
लब गायें शान से ,
तिरंगा  प्यारा !!!

ध्वज रोहण !!!
लहर लहराए ,
शान हमारी !

युगों गूँजेगी !!!
देश की जयकार ,
भारत वर्ष ! .......... तनुजा "तनु" 

स्वतंत्रता दिवस …
हाइकु .......


है !!! केसरिया,
शान लिए पगड़ी … 
भाल देश का!!!


ध्‍वज वन्दना !!!
दिन दिन दूनी हो,
जोश से बोल  !

धर्म कई हैं !!!
संस्कृति परिचय, 
गंगा जमुनी !!!

हो !!! स्वतंत्र हो ?
उत्श्रृंखलता न हो ,
देश हित  हो !!!

भाल हो  ऊँचा !!!
देश दुनिया से भी ,,,,
भारत वर्ष !!!

उडी गुलाल!!!
 देश के भाल पर !!!
आज़ाद दिन !!!

विजयी विश्व ,
लब गायें शान से ,
तिरंगा  प्यारा !!!

ध्वज रोहण !!!
लहर लहराए ,
शान हमारी !

युगों गूँजेगी !!!
देश की जयकार ,
भारत वर्ष ! .......... तनुजा "तनु" 

Monday, August 11, 2014

साँझ आगत  ,
रात दिन मिलना !!!
निशा स्वागत !.... ''तनु ''
ताज महल!!!
नूरानी हसरत !
तामीर दर्द  …………  ''तनु ''
बचपन की बातें बचपन में ,
बचपन में ही रहे सदा !
बीता बचपन आये ना!!
भूलकर भी कभी यहां … ''तनु ''

Sunday, August 10, 2014

  चांदी के थाल सा चन्दा ,
  बहुत वाचाल सा चन्दा ,
  दिखता एक रेखा बनकर!!!
  के मनाता ईद सा चन्दा। …'' तनु '' 
बच्चों का  दुलारा चंदा !
बड़ों का न्यारा चंदा !
जितनी बार देखा ये चंदा !!
उतनी  बार पूछा इससे। ....
बोल तू किसका रे चंदा ? ''तनु ''

Saturday, August 9, 2014

जीवन धन्य है हमारा,  सुन कर ये उदगार
अरुणिमा है छाई नभ,  शीतल चली बयार  ''तनु ''

भैया है पाया 
मुँहबोला अपना
 नहीं पराया 

भेंट है भाई
साक्षात  ईश्वर की
चाह है जाई .... 


शब्द चहके !
आँगन महकाया!! 
फूलों के साथ.....  ''तनु ''
सोचो जो ये इन्द्रधनुष रंगों की इक रेखा होता ?? 
क्या इतने प्यार से फिर तुमने इसको देखा होता ??
धरा निहारते टिकी क्षितिज पर जब इठलाती चितवन ,  
मिलना धरती अम्बर का ऐसा कहीं देखा होता ??.... ''तनु ''

ये किरण लकीर सी चली, --जा बूँद में बनी इन्द्रधनुष  ,
कल्पना कवि की साकार हुई, --जब धुला मन का कलुष ,
खुशियों के चमन खिल गये,------- आई जीवन में बहार !!!
देख लो !!! हर कोई ही चाहे आशाओं का इन्द्रधनुष !.... ''तनु ''

Friday, August 8, 2014

भाव बंधे हैं,
दूर हों या पास हों,
भाई बहन। ……… ''तनु ''

साँझ आगत  ,
रात दिन मिलना !!!
निशा स्वागत !.... ''तनु ''
प्रेम बंधन
न कोई अकिंचन
भाव सिंचन। … ''तनु ''
तुझे बांधा है 
अपने पराये का 
न भेद रहा    ''तनु'' 

Wednesday, August 6, 2014

दादा सा सोवै 
खड़ी एक खुणा में
कुबड़ी रोवै  ……''तनु ''
बाँधी जतन
रेशम की ये डोरी
खोलना नहीं ''तनु ''

तू प्यार करे
निभाये प्रीत रीत
रक्षा बंधन। ''तनु ''

माँ जाया वीर
अव्यक्त अनुभूति
रक्त सम्बन्ध  ''तनु ''

बहना मेरी
सजाये देहरी है
पराये देश। । ''तनु ''







कुछ  भी न कहूँ मगर नैन कह जाएंगे !
आँखों की कोर से अश्रु छलक जाएंगे!! 
जनम से माँ के साथ ही बंधे हम दोनों !
रक्त सम्बन्ध क्यों निरर्थक हो जाएंगे !! ''तनु ''






बिछड़ा प्यार ,
दर्द की तहरीर !!!
सूखा गुलाब।  'तनु '
आंसू ढलका,
जमीन नम हुई !!!
याद बिखरी…………


कार्टूनिस्ट प्राण  -- एक श्रद्धांजलि

प्राण ने जीवंत प्राण भरे हैं,
 बच्चों  के किताबी खिलौनों में। …
हम तुम जिनको घुस कर पढ़ते,
 घर और स्कूल के कोनों में। …
मोबाइल का नशा नहीं था ,
नशा किताबों का होता था। …
चाचा चौधरी साबू कमांडो ध्रुव ,
ओ चाची की मीठी बातों में। ....
जग को तुमने छोड़ दिया है,
अब तुम कभी न हमें दिखोगे।  .... 
पर ये प्यारे चित्र खिलौने,
सदा याद तुम्हारी दिलाएंगे। …… नमन !!!
"तनु "
दादा गुजरे ,,
खड़ी एक कोने में !!!
कुबड़ी रोती। .... तनु 

Tuesday, August 5, 2014


थोड़ी सी मस्ती मेरी भी ........................

सुर्ख गुलाब सा नूरानी चेहरा केला का छिलका हुआ ,…… विभाजी की पंक्तियाँ 
लीपापोती पर से थी सड़ा आम था पिलका हुआ !
गिरता पड़ता जा पहुँचा वह सजनिया के द्वार !!!
चढ़ा रखी कुछ उसने अस्थिपिंजर था हिलता हुआ !  ......."तनु" 

तीस्ता नदी तीस्ता नदी पानी दे  पानी दे , 
पानी दे पानी दे  साथ बिजली महारानी दे !
अच्छी दोस्ती, सच्ची दोस्ती, कायम रहे ,
दिन मोदी जी ले आये अब तू रात सुहानी दे !!  "तनु "

Monday, August 4, 2014




कभी कभी ही हो पाता है ऐसा अद्भुत संयोग ,
दो त्योहारों का हुआ है--- ऐसा प्यारा संयोग !
ईद और हरियाली तीज मिलकर मनाई हमने ,
सजाई मेहंदी मीठा खाया सुन्दर था महायोग !! "तनु "
सबसे कीमती होती इज्जत    होती ये अनमोल ,
राह चलते कभी न बिकने देना नहीं ये बड़ा बोल !
आलू, कांदा, टमाटर, चाँदी, प्लेटिनम  या गोल्ड ,
कुर्बानी मत देना इज्जत की बनकर के यूँ बोल्ड !!.... ''तनु ''
सागर गोद
बुला रही है तुझे
थकन मिटा

नहीं खेलूंगा
सूरज पाने चला
आकाश छू लूँ


चित्र ....
नेह  सुनीता जी की वाल से साभार


Friday, August 1, 2014

नी केवे ,
हिन्दू के मुसलमान। 
चाँद दूज रो !!!

चाँद रुपारो!!! 
पण बदले रूप ,
पूनम अमावस। 

तारो हवेर रो,
जासूसी करे!!! 
चाँद बिचारा री  .... "तनु "


दल बादल
दलदल बदले
जीव दलन

उत्तराखंड
खंड खंड खंडित
दण्डित जीव

लालिम संध्या
निमंत्रित रजनी
स्वप्न सुंदरी। ''तनु ''
जुस्तजू के पंख हैं  पर वो  तितली नहीं होती!!!
जुस्तजू एक गीत है पर वो बुलबुल नहीं होती!!!
भावों के पंख, मन के गीत, या एक कविता है!
जुस्तजू एक आशा है  पर वो रंगीन नहीं होती!…… ''तनु ''

है ख्वाहिश रक्ताभ हो  बन पलाश दहकूँ ,
मैं बुलबुल बन बाग़ की डाली डाली चहकूँ,
तितली बन उडूं फूलों के बिस्तर सोऊँ !!!
कभी फूल बन जाऊं खुशबू बिखेरूं महकूँ। … 'तनु'


राम बन!!! राम बन कर, राम की तलाश कर,
'वन अंगारा' बन 'जरा' जला कर पलाश कर,
एक ही तो जीवन मिला न खो  न यूँ गँवा रे!!!
विष पी 'महेश' बन कर जीवन दे न लाश कर..... "तनु "